दलीप ताहिल वाक्य
उच्चारण: [ delip taahil ]
उदाहरण वाक्य
- दलीप ताहिल ने फिल्म में तिहरा रोल किया है।
- दलीप ताहिल के काले बाल अगले ही दृश्य में सफेद हो जाते हैं।
- सतीश शाह, सुरेश मेनन, दलीप ताहिल और शहाना गोस्वामी को ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं था।
- दलीप ताहिल ने अपने चारों किरदारों को कैरीकेचर की तरह प्रस्तुत किया है, लेकिन वे अच्छे लगते हैं।
- लीड रोल में हैं शरमन जोशी, जावेद जाफरी, सोहा अली खान, दलीप ताहिल जैसे मंझे हुए सितारे।
- दलीप ताहिल (पण्डित नेहरू) और के. के रैना भी बड़े दिनों बाद बड़े परदे पर दिखे हैं।
- शरमन जोशी, जावेद जाफरी, संजय मिश्रा, दलीप ताहिल (चार रोल में) के किरदार मजेदार हैं, लेकिन फिल्म को आगे बढ़ाने वाले प्रसंग उतने दमदार नहीं हैं।
- निर्माता: रॉनी स्क्रूवाला निर्देशक: विवेक अग्निहोत्री गीत: जावेद अख्तर संगीत: प्रीतम कलाकार: जॉन अब्राहम, बिपाशा बसु, अरशद वारसी, बोमन ईरानी, दलीप ताहिल रेटिंग:
- इन और इन जैसे और बहुत से किरदार निभाने के लिये बेनेगल ने जिन कलाकारों को चुना है उनमें सचिन खेड़कर, दिव्या दत्ता, राजेंदर गुप्ता, केके रैना, इला अरुण और दलीप ताहिल जैसे कलाकारों के नाम हैं।
- मंसूर खान की फिल्मों में पिता-पुत्र के बीच बड़ा जज़्बाती और खूबसूरत रिश्ता विकसित किया जाता है, याद कीजिये 'क़यामत से क़यामत तक' का वो दृश्य जहाँ पिता(दलीप ताहिल),पुत्र(आमिर) का बेंत लेकर इंतज़ार कर रहा होता है और आमिर जब जूही के रिश्तेदारों द्वारा लताड़ और गाड़ी से टक्कर खाने के बाद लुटी-पिटी हालत में घर लौटता है और अपने पिता(दलीप ताहिल) को देखकर उसके गले से लिपट जाता है और पिता दलीप ताहिल भी बेंत छोड़कर आमिर को गले से लगा लेता है...कितनी ख़ूबसूरती से पिता-पुत्र के बीच भावनात्मक तार को बिना किसी संवाद के महसूस करवाया गया है.
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